Wednesday, 28 September 2016

रेवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य जी महाराज, साथ में ज्योतिर्विद महावीर कुमार सोनी, हिंदी समाचार पत्र " गठजोड़ " के लोकार्पण के अवसर पर Revasa Peethadheeshvar Rahgvaachary ji and Jyotirvid Mahavir kumar Soni with Gathjod News Paper

जयपुर में दिनांक २३ सितम्बर से प्रारम्भ हुए एवं दिनांक २६ सितम्बर तक चलने वाले "हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले" में हिंदी समाचार पत्र "गठजोड़" परिवार की तरफ से भी स्टाल लगाई गई. गठजोड़ द्वारा विभिन्न संगठनों का संयुक्त साथ लेकर चलाए जा रहे विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों को गति प्रदान करने, गठजोड़ के देश, राज्य एवं जनहितों को गति देने सम्बन्धी कार्यों की जानकारी देना इस स्टाल का प्रमुख उद्देश्य था. इस दौरान एक अवसर पर परम पूज्य रेवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य जी महाराज द्वारा गठजोड़ के नवीन विशेष अंक तथा पोस्टर का लोकार्पण भी किया गया. स्टाल पर सचिवालय कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष लोकप्रियता कर्मचारी नेता मेघराज पवार, श्री गोविन्द जी पारीक, प्रसिद्ध ज्योतिर्विद राकेश सोनी, पंडित विशाल दयानंद शास्त्री सहित विभिन्न गण मान्य लोगों के साथ कई सामाजिक गतिविधियों एवं कार्यक्रमों को गति भी प्रदान की गई, जिसके कार्यक्रमों की कुछ झलकियों के साथ गठजोड़ के नवीन विशेष अंक की झलकियाँ -




Tuesday, 27 September 2016

विश्व की सबसे बड़ी "श्रीदुर्गासप्तशती", कई दृष्टियों से विशिष्ट एवं अनूठे इस धार्मिक ग्रन्थ की प्रति "हिन्दू अध्यात्मिक एवं सेवा मेले" में लगाई गई स्टाल पर ज्योतिर्विद महावीर कुमार सोनी एवं आचार्य घनश्याम शर्मा को भेंट की गई। इस धार्मिक ग्रन्थ का विमोचन जनवरी माह में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा किया गया था।

जयपुर में आयोजित हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले में हिंदी समाचार पत्र "गठजोड़" की ओर से भी स्टाल लगाई गई। मेले के अंतिम दिन इस स्टाल पर एक भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसके तहत श्री दुर्गा सप्तशती के रूप में प्रकाशित भव्य धार्मिक ग्रन्थ की प्रति यहाँ भेंट की गई। ग्रन्थ के प्रकाशक डॉ. संदीप जोशी ने आचार्य घनश्याम शर्मा एवं ज्योतिर्विद् महावीर कुमार सोनी को इसकी प्रति भेंट की। 30 किलो वजन और 816 पृष्ठ का यह ग्रन्थ तीन भाषाओं में है, इस ग्रन्थ में प्रत्येक श्लोक को दुर्लभ चित्रों एवं व्याख्या से समझाया गया है। ग्रन्थ के भेंटकर्ता राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ संदीप जोशी ने गठजोड़ को बताया कि कड़ी मेहनत से इसे तैयार करने में 5 साल लगे हैं, संस्कृत, हिंदी एवं अंग्रेजी तीन भाषाओं में इसे तैयार किया गया है, इसमें विभिन्न प्राचीन चित्रकारों, कलाकारों, पुरातत्वविदो, संग्रहालयों, मठो, मंदिरों, राजपरिवारों तथा विदेशी व्यक्तियों और संग्रहालयों में सुरक्षित दुर्लभ एवं प्राचीनतम 575 चित्रों के माध्यम से जीवन्त प्रस्तुतीकरण किया गया है। इस भव्य ग्रन्थ का विमोचन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 जनवरी 2016 को उनके सरकारी आवास पर किया गया था। इंटरनेशनल सेंटर फॉर ज्योतिष, वास्तु, स्पिरिचुअल एन्ड कल्चरल एक्टिविटीज ट्रस्ट के बैनर तले ज्योतिष एवं वास्तु विद्या पर आधारित कार्यक्रमों को संयुक्त रूप से गति दे चुके ज्योतिर्विद् महावीर कुमार सोनी एवं आचार्य घनश्याम शर्मा को संयुक्त रूप से ही आयोजित कार्यक्रम में इस प्रति भेंट कार्यक्रम को लेखक द्वारा सम्पन्न करवाया गया है। यह पुस्तक दो तरह से है जिसमें साइज़ का प्रमुख अंतर होने से इस जैसी दूसरी पुस्तक का वजन 6 किलो है। 6 किलो वाले एडिशन की कीमत 31 हजार रु. रखी गई है। कई दृष्टियों से विशिष्ट होने के कारण गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इस ग्रन्थ के दर्ज होने की सम्भावना है.